लेखनी कहानी -07-Oct-2022 अवसाद

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भौतिकतावाद अवसान गढ रहा है  चारों तरफ आज अवसाद बढ रहा है  बरबादी का सामान कंधों पर उठाकर  इंसान अपनी मौत की सीढी चढ रहा है  कोई बम फोड़ रहा है ...

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